कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा युवाओं हेतु बकरी पालन विषय पर क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन
13 से 15 मार्च, 2022, बरेली
कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली ने मत्स्य, पशु पालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की परियोजना “लाभकारी डेयरी फार्मिंग और पशुधन प्रबंधन” प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों के क्षमता विकास कार्यक्रम के द्वारा “बकरी पालन” विषय पर 13 से 15 मार्च 2022 तक तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डॉ. बी. पी. सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा की बकरी एक बहुउपयोगी पशु है जिससे मांस के अलावा दूध, खाल एवं खाद का उत्पादन प्राप्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि साधनो के अभाव में छोटे, सीमांत कृषक एवं ग्रामीण युवा दुधारू पशुओं के बजाय कम लागत में बकरी पालन अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकते है तथा स्वरोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकते है। उन्होंने यह भी बताया की कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रगतिशील किसानो, उद्यमियों, शिक्षित बेरोजगार युवाओं को व्यावसायिक बकरी पालन के साथ जोड़ने का काम किया जा रहा है।
डा. अनुपम कृष्ण दीक्षित एवं डा. मनोज कुमार सिंह, वैज्ञानिक, केन्द्रिय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, मथूरा ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्याख्यान दिए, जिसे प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सराहा गया।
डॉ. महेश चन्द्र, विभागाध्यक्ष (प्रसार शिक्षा) ने समापन बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि बकरी पालन मुख्यतः महिलाओं के द्वारा परिवार के जीवीकोपार्जन हेतु किया जाता है तथा आज के परिवेश में युवाओं द्वारा भी बकरी पालन व्यवसाय में काफी रूचि ली जा रही है, जो बकरी पालन से अत्यधिक लाभ की ओर इशारा करता है।
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को बकरियों की प्रमुख नस्लों एवं उच्च गुणों वाली बकरी का चुनाव, कम लागत में आवास का निर्माण, प्रजनन प्रबंधन, विभिन्न शारीरिक अवस्थाओं में पोषण प्रबंधन, प्रमुख रोग एवं निदान आदि के बारे में बताया गया। साथ ही मादा बकरियों की प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, मेमनों की देखभाल, बकरी फार्म पर रखे जाने वाले आवश्यक रिकॉर्ड और इसके पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिल्ली, तथा उत्तर प्रदेश के बरेली, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मुरादाबाद, बदयूं आदि जनपदों के 52 कृषको एवं युवाओ (51 पुरुष और एक महिला) ने सहभागिता दर्ज कराई।
(स्रोत: कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली , उत्तर प्रदेश )