भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा 99वाँ स्थापना दिवस आयोजित
4 जुलाई, 2022, अल्मोड़ा
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने दिनांक 4 जुलाई 2022 को 99वाँ स्थापना दिवस, संस्थान के अल्मोड़ा स्थित सभागार में, धूम-धाम से आयोजित किया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत, मुख्य अतिथि के साथ कुंदन हाउस स्थित पूजागृह में पूजा अर्चना से की गयी। उसके बाद स्वमी विवेकानन्द की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गीत एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
मुख्य अतिथि, डॉ. अशोक कुमार सिंह, माननीय निदेशक एवं कुलपति, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान एवं सम विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने इस अवसर पर “द्वितीय पद्म भूषण, प्रो. बोषी सेन स्मारक व्याख्यान” दिए। उन्होंने, प्रो. बोषी सेन द्वारा स्थापित संस्थान के योगदान पर बल देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. सिंह ने कहा कि वर्तमान में हमारा देश खाद्य फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है। फलस्वरूप, देश खाद्य फसलों का निर्यात करने में भी सक्षम हुआ है, परन्तु वर्तमान में तिलहन एवं दलहन फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने की काफी जरुरत है, साथ ही व्यापार घाटा को कम करने हेतु विभिन्न देशों से आयात को भी कम करने पर विचार करने की जरुरत है। उनके द्वारा त्वरित प्रजनन एवं जीनोम संपादन पर विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि अब तक देश में कुल 87 जैवसुदृढ़ीकृत किस्मों का विमोचन किया जा चुका है, इसके अलावा कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के प्रयोग की संभावना पर कार्य करने पर भी बल दिया गया।
इस कार्यक्रम में, स्वामी ध्रुवेषानन्द, अध्यक्ष, रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा ने प्रो. बोषी सेन का स्मरण करते हुए प्राचीन काल में किये जाने वाले कृषि एवं आज के खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के शोध के फलस्वरूप ही आज हम देशवासियों को पर्याप्त मात्रा में अन्न उपलब्ध हो रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, श्री प्रकाश जोषी, नगरपालिका अध्यक्ष ने कहा कि संस्थान निरन्तर उन्नति कर रहा है जिसका श्रेय संस्थान के समस्त वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों के परिश्रम एवं लगन को दिया जा सकता है, इसके समर्पित प्रयास के फलस्वरूप ही प्रो. सेन द्वारा स्थापित प्रयोगशाला एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का संस्थान बना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये शोध कार्य निरंतर चलता रहेगा और देश आत्मनिर्भर होने की दिशा में अग्रसर रहोगा।
विशिष्ट अतिथि, श्री एम सी जोशी ने प्रो. बोषी सेन के व्यक्तित्व को स्मरण करते हुए संस्थान को बधाई दी। साथ ही उन्होंने पर्वतीय कृषि में विविधता लाने की बात की।
संस्थान के पूर्व निदेशक, डॉ. जे. सी. भट्ट द्वारा प्रो. बोषी सेन की पृष्ठभूमि के बारे में सभा को अवगत कराया गया।
इस संस्थान के निदेशक, डा. लक्ष्मी कान्त, ने संस्थान के संस्थापक, प्रो. बोसी सेन को नमन करते हुए मुख्य अतिथि एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया, इसके अलावा विगत वर्ष में संस्थान द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष के दौरान विभिन्न फसलों की 09 किस्में अधिसूचित की गई, तथा 03 किस्मों की पहचान की गयी। डॉ. कान्त द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में विकसित किस्में एवं तकनीक को पहुंचाने का भी जिक्र किया गया, संस्थान द्वारा चलायी जा रही विभिन्न परियोजनाओं की भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर, मुख्य अतिथि द्वारा एक तकनीकी बुलेटिन, 02 प्रसार प्रपत्र का विमोचन तथा संस्थान द्वारा विकसित प्रजातियों खासकर, वीएल क्यूपीएम संकर 45, एवं वी एल धान 69 का लोकार्पण किया गया।
श्री महातिम यादव, वनअधिकारी, अल्मोड़ा ने इस क्षेत्र में शरारती पशुओं की समस्या एवं उनसे निपटने के तरीकों से अवगत कराया।
संस्थान में कार्यरत सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. जी. एस. बिष्ट; लैब टैक्नीषियन श्री वरूण सुप्याल; तकनीकी सहायक श्री केशव नौटियाल; तकनीकी अधिकारी श्री देवेन्द्र सिंह कार्की तथा कुषल सहायक श्री मन्तराज को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु निदेशक द्वारा प्रशस्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही इस वर्ष एवं आगामी वर्ष में सेवानिवृत्त हो रहे कर्मियों में, श्री कैलाश सिंह, श्री प्रमोद कुमार चौधरी एवं श्री रमेश सिंह कनवाल को संस्थान द्वारा सम्मान प्रदान किया गया। समारोह के दौरान प्रगतिशील कृषकों में श्री जगमोहन सिंह राणा, श्री कुंदन सिंह बिष्ट, श्री विजय कुमार, श्री चन्द्रशेखर जोशी एवं श्री हरीश सिंह को भी सम्मानित किया गया। संस्थान के कर्मचारियों के मेधावी बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर संस्थान के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति द्वारा संस्थान द्वारा आयोजित प्रदर्शनी स्टाल का भ्रमण किया गया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन, डॉ. कुशाग्र जोशी, वैज्ञानिक द्वारा तथा धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापन, डॉ. जे. के. बिष्ट, प्रभाग अध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग द्वारा किया गया। समारोह का समापन फलों के राजा आम की दावत के साथ सम्पन्न हुआ।
(स्रोत: भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड)