भाकृअनुप-केवीके के कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन
भाकृअनुप-केवीके के कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन

6- 7 जून, 2024, जबलपुर

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर ने 6- 7 जून, 2024 को भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल में भाकृअनुप-केवीके के कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञों के लिए एक प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया।

Training-cum-workshop for Agricultural Engineering experts of ICAR-KVKs  Training-cum-workshop for Agricultural Engineering experts of ICAR-KVKs

भाकृअनुप-सीआईएई के निदेशक, डॉ. सी.आर. मेहता ने कृषि में मशीनीकरण के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मशीनीकरण अभी धान और गेहूं जैसी अनाज फसलों में ही मौजूद है, लेकिन नकदी फसलों और बागवानी फसलों के लिए भी इसका विस्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने भाकृअनुप-केवीके से आग्रह किया कि किसानों के बीच कृषि मशीनीकरण को अपनाने को बढ़ाने के लिए कम से कम एक कृषि इंजीनियर की नियुक्ति की जाए।

मुख्य अतिथि, डॉ. आर. सेल्वराजन, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, तिरुचिरापल्ली ने कहा कि भाकृअनुप-केवीके किसानों तक तकनीक पहुंचाने का मुख्य माध्यम है। उन्होंने आगे कहा कि कृषि इंजीनियरों के बिना द्वितीयक कृषि संभव नहीं है और उन्होंने केले की खेती में स्वचालन, ड्रिप सिंचाई और संसाधनों के सटीक उपयोग के लिए सेंसर आधारित तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया।

भाकृअनुप-अटारी, जबलपुर के निदेशक, डॉ. एस.आर.के. सिंह ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी और भाकृअनुप-केवीके स्तर पर कृषि इंजीनियरों द्वारा सभी फसलों के प्रसंस्करण गतिविधियों पर जोर दिया।

कार्यशाला में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भाकृअनुप-केवीके से कुल 30 कृषि इंजीनियरिंग विशेषज्ञों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर)

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