डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने भाकृअनुप-सीआईएफआरआई में बहु-सुविधा प्रशिक्षण परिसर और आईसीपीएमएस सुविधा का किया उद्घाटन
6 अक्तूबर, 2021, बैरकपुर
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) ने कहा, 'नदी, जलाशय एवं आर्द्रभूमि प्रणालियों के प्रदूषण और जैव विविधता के व्यवस्थित व वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए प्रभावी डेटा उत्पादन हेतु अधिक प्रौद्योगिकियों का विकास किया जाना चाहिए।' डॉ. महापात्रा आज भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता के अपने दौरे पर संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर महानिदेशक ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गांधी घाट बैरकपुर में गंगा नदी में पशुपालन के लिए भारतीय मेजर कार्प्स के 75,000 मछली के बच्चों को रिहा किया। प्रवासन का अध्ययन करने और संरक्षण के उपाय करने के लिए लगभग 50 कैटला मछलियों को टैग किया गया और जारी किया गया।
डॉ. महापात्र ने मत्स्य पालन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उपयोग के एक भाग के रूप में जल निकायों के नमूने के लिए ड्रोन सुविधा का शुभारंभ किया। इस सुविधा का उपयोग खुले जल निकायों से विश्लेषण के हेतु नमूने लेने के लिए किया जाएगा। महानिदेशक ने बहु-सुविधा प्रशिक्षण परिसर, आईसीपीएमएस सुविधा का भी उद्घाटन किया और संस्थान में मुख्य भवन की दूसरी मंजिल की आधारशिला रखी।
अपने संबोधन में, डॉ. जॉयकृष्ण जेना, उप महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान), भाकृअनुप ने बड़ी संख्या में मत्स्यपालकों को लाभान्वित करने के लिए विशाल आर्द्रभूमि और जलाशय संसाधनों के प्रभावी उपयोग द्वारा अंतर्स्थलीय क्षेत्र से उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया।
इससे पूर्व अपने स्वागत सम्बोधन में, डॉ. बी. के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई, बैरकपुर ने संस्थान की गतिविधियों और उपलब्धियों से अवगत कराया। डॉ. दास ने पिछले पाँच वर्षों के दौरान संस्थान द्वारा चार प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण को भी रेखांकित किया।
इस अवसर पर डॉ. अनिल राय, सहायक महानिदेशक (आईसीटी), भाकृअनुप के साथ-साथ भाकृअनुप-संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों ने एक पुस्तक 'फिश मैपिंग ऑफ रिवर गंगा: ए जीआईएस पर्सपेक्टिव' और एक नई प्रौद्योगिकी 'फिश तनाभरी' का भी विमोचन किया।
इस कार्यक्रम में 100 से अधिक महिला व पुरुष किसानों ने भाग लिया।
(स्त्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता)