- कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देना, पौधों, जानवरों तथा कीटों से सामग्री के उत्पादन के लिए संरचनाओं और प्रणालियों में सुधार करना।
- उत्पादन और उत्पादन के बाद इकाई संचालन और ऊर्जा प्रबंधन के लिए स्मार्ट मशीनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन और IoT आदि को शामिल करना।
- खाद्य हानि और बर्बादी को कम करने के लिए रणनीतियों को लागू करना।
- कपास और अन्य प्राकृतिक रेशों सहित पौधे, पशु और सूक्ष्मजीव मूल की कृषि वस्तुओं की कटाई के बाद प्रसंस्करण, संरक्षण, भंडारण एवं मूल्य संवर्धन के लिए तरीके विकसित करना।
- कृषि मशीनीकरण, खाद्य हानि तथा बर्बादी, बायोमास और पशुधन से नवीकरणीय ऊर्जा आदि के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नीतियों के निर्माण के लिए वैज्ञानिक आकलन/ अध्ययनों के आधार पर डेटाबेस और मॉडल स्थापित करना।
- कृषि उपज के कुशल भंडारण और परिवहन, विश्लेषण के लिए तीव्र विधियों/ उपकरणों, खाद्य नियंत्रण, पैकेजिंग प्रणालियों, बायोमास उपयोग, हरित ऊर्जा, मानव सुरक्षा आदि के लिए स्वदेशी समाधानों तथा अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना।
- आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभों को अधिकतम करने के लिए जैव-अपशिष्ट एवं उप-उत्पादों के आर्थिक उपयोग के लिए प्रक्रियाओं, उपकरणों तथा पायलट संयंत्रों का विकास करना।
- कृषि मशीनीकरण, खाद्य/ रेशे की फसलों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन और खाद्य सुरक्षा तथा नियंत्रण, और द्वितीयक कृषि के क्षेत्र में क्षमता निर्माण एवं उद्यमिता विकास।
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