भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वाराणसी (आईआईटी बीएचयू) से स्नातक, श्री जी. सैकेश गौड़ ने सह-संस्थापक श्री सामी और श्री सूरीबाबू के साथ एक उल्लेखनीय यात्रा शुरू की और उसके उद्यमिता के जुनून ने हैदराबाद में स्वदेशी पोल्ट्री व्यवसाय को नया आयाम दिया। उन्होंने अपनी तकनीकी नौकरियाँ छोड़ दीं और देशी मुर्गियाँ (स्थानीय रूप से नाटू कोड़ी/ देसी मुर्गी के नाम से जानी जाती हैं) बेचने के लिए खुदरा मांस बिक्री क्षेत्र में कदम रखा। इन दो रचनात्मक दिमागों ने खुदरा मांस क्षेत्र में एक मानदंड स्थापित किया है, जिसने कई लोगों की चिकन खरीदने के लिए खुदरा मांस की दुकान पर जाने की धारणा को बदल दिया है। भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने एक ऊष्मायन कार्यक्रम के माध्यम से स्वच्छ प्रसंस्करण और खुदरा बिक्री इकाइयों तथा अच्छी विनिर्माण विधियों (जीएमपी) की स्थापना के लिए तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया।
युवा तिकड़ी ने देशी चिकन पालन तथा खुदरा बिक्री को समग्र एवं टिकाऊ तरीके से बदलने के लिए एक साथ इस क्षेत्र में आया और वर्ष 2020 में कंट्री चिकन कंपनी, एक स्टार्ट-अप की स्थापना की। इन नवोन्मेषी दिमागों ने एक ऐसा वातावरण बनाने के बारे में सोचा है जहां एक मांस की दुकान जैसी दिखने वाली एक उच्च श्रेणी का सुपरमार्केट, जो सभी नियामक मानकों का पालन करते हुए एक सहज और गंदगी-मुक्त माहौल में पौष्टिक, प्रीमियम गुणवत्ता वाले देशी चिकन मांस को सबके सामने पेश करे। कोरोना महामारी ने उपभोक्ता के मन में सुरक्षित भोजन के महत्व पर भी गहरा प्रभाव डाला है।
श्री गौड़ ने कहा, "एक ऐसा स्टोर बनाने की हमारी अभिनव अवधारणा जो बच्चों और माताओं को समान रूप से पसंद आए साथ ही जिसे ग्राहकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिले"। कंट्री चिकन कंपनी के खुदरा दुकानों में "वाह" कारक होता है, जिसमें प्रत्येक ग्राहक स्टोर में "शून्य गंध" का अनुभव करते हुए प्रदर्शनी में लगे रंगीन स्वस्थ जीवित पक्षियों को देखने में आनंद महसूस करता है।
स्टार्ट-अप की देशी मुर्गियां अपने बेहतर स्वाद, पोषण मूल्य तथा नैतिक उत्पादन विधियों के लिए प्रतिष्ठा हासिल की है। जिस तरह से अंतिम उत्पाद को उपहार वस्तु की तरह पैक किया जाता है, इससे उपभोक्ताओं को बहुत आश्चर्य और संतुष्टि होती है, जिन्हें पहले काले पॉलिथीन बैग में पैक मांस खरीदने का अनुभव था। नवीन और आकर्षक विज्ञापनों के माध्यम से उन्होंने उपभोक्ताओं को ग्रामीण समुदायों से प्राकृतिक रूप से उगाए गए देशी चिकन खाने के लाभों के बारे में भी शिक्षित किया। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से सीधे चिकन प्राप्त करने वाले इस स्टार्ट-अप ने रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया है। स्टार्टअप ने 15,000 से अधिक किसानों को इस पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ा है और उपभोक्ताओं को स्वस्थ चिकन तथा अंडे की पेशकश के लिए नई सहायता प्रदान की है।
गुणवत्ता और प्रामाणिकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने न केवल उनको एक समर्पित ग्राहक आधार प्राप्त हुआ है, बल्कि उनकी निरंतर वृद्धि को भी बढ़ावा दिया है। प्रारंभ में, उन्होंने अपनी खुदरा बिक्री के लिए एक आउटलेट से शुरू की, वर्तमान में सात इकाइयों तक पहुंच गई, और ऑनलाइन मार्केटिंग में भी प्रवेश किया है। अपने संचालन के पहले सप्ताह में, कंट्री चिकन कंपनी ने 13 लाख का राजस्व अर्जित किया। स्टार्टअप ने अब तक लगभग 25,000 ग्राहकों को सेवा प्रदान चुकी है और विश्वसनीय एवं वफादार ग्राहक के आधार एवं संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
श्री गौड़ ने कहा कि कंट्री चिकन कंपनी कई स्थानों पर काम करने के लिए इच्छुक होगी और 100+ आउटलेट (अगले 2 वर्षों में पूरे दक्षिण भारत में फ्रेंचाइजी) स्थापित करने पर विचार करेगी। वित्तीय वर्ष 2022- 23 में स्टार्ट-अप ने 5 करोड़ का राजस्व कमाया। स्टार्टअप ने जनवरी 2022 में 3 लाख प्रति माह से अप्रैल 2023 में 1.2 करोड़ प्रति माह तक राजस्व वृद्धि हासिल की है। कंट्री चिकन कंपनी ने वित्त वर्ष 2023- 24 में 50 करोड़ राजस्व वृद्धि अपने परिचालन से प्राप्त कर लाभकारी उद्यम होने का लक्ष्य रखा है।
गुणवत्ता एवं स्थिरता के प्रति कंट्री चिकन कंपनी के समर्पण ने उपभोक्ताओं का विश्वास अर्जित किया और कई पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं। इसे दुबई एक्सपो- 2022 में भारतीय मांस पारिस्थितिकी तंत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मानित किया गया, जहां इसे केन्द्रीय मंत्री, श्री अनुराग ठाकुर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) जैसी प्रमुख हस्तियों से मान्यता एवं समर्थन मिला। श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार इस ब्रांड अवधारणा से अत्यधिक प्रभावित हुए, और 17- 18 अक्टूबर, 2022 तक आयोजित एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव, पूसा, नई दिल्ली में इसके संस्थापकों की सराहना की। एशियन मीट पत्रिका ने अपने जुलाई, 2023 अंक में कंट्री चिकन कंपनी की सफलता की एक कवर स्टोरी प्रकाशित की।
कंट्री चिकन कंपनी एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती है, जहां पोल्ट्री उद्योग में नैतिक तथा टिकाऊ कृषि विधियों को स्थापित करना है, जिससे उपभोक्ताओं और पर्यावरण दोनों को लाभ होगा।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
टिवीटर पर फॉलो करना
इंस्टाग्राम पर लाइक करें